

नई दिल्ली (उत्तम हिन्दू न्यूज): देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया पूरी कर लेगी। वित्त मंत्री कहा कि अगले साल की शुरुआत में ही ये दोनों काम पूरे हो जाने की उम्मीद है। सरकार को इन दो कंपनियों को बेचने से इस वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ का फायदा होगा। दोनों कंपनियां जल्द की निजी हाथों में चली जाएंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बयान दिया है।
नीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीतारमण ने कहा, Air India की बिक्री प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही निवेशकों में उत्साह देखा गया है। पिछले साल निवेशकों ने एयर इंडिया को खरीदने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया था इसलिए इसे नहीं बेचा जा सका था। बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष में कर संग्रह में गिरावट को देखते हुए सरकार विनिवेश और स्ट्रैटजिक सेल के जरिए रेवेन्यू जुटाना चाहती है।
आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए समय पर कदम उठाए-वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए समय पर जरूरी कदम उठाए गए हैं और कई क्षेत्र अब सुस्ती से बाहर निकल रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई उद्योगों से कहा गया है कि वे अपनी बैलेंस शीट में सुधार करें और उनमें से कई नए निवेश की तैयारी कर रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कुछ क्षेत्रों में सुधार से जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) बढ़ेगा। इसके अलावा सुधार के कदमों से भी टैक्स कलेक्शन बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने एस्सार स्टील पर जो फैसला सुनाया है इससे काफी सुधार देखने को मिला है और अगली तिमाही में इसका प्रभाव बैंकों की बैलेंस शीट पर देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि लोगों में बदलाव आया है क्योंकि त्योहारों के दौरान बैंकों ने 1.8 लाख करोड़ का लोन बांटा है। सीतारमण ने कहा, अगर कंज्यूमर्स की आर्थिक स्थिति पटरी पर न होती तो वे बैंकों से लोन लेने के बारे में विचार ही क्यों करते? और ऐसा पूरे देश में है।